इन-द-मनी (आईटीएम), एट-द-मनी (एटीएम) और आउट-द-मनी (ओटीएम) कॉल और पुट ऑप्शन में क्या अंतर है?

दोस्तों आज आप समझने वाला है ऑप्शन ट्रेडिंग में “इन-द-मनी” (ITM), “एट-द-मनी” (ATM), और “आउट-द-मनी” (OTM)) इन सभी में क्या अंतर है। और इनको समझना बहुत जरुरी है आप ऑप्सन ट्रेडिंग करते हो तो क्यू की आप ट्रेडिंग करते समय इन सभी का इस्तेमाल होता है।

ITM, ATM, और OTM टर्म का समझाना ऑप्शन ट्रेडिंग में जरुरी है, क्यूकी इनके बेस पर ट्रेडर्स अपनी स्ट्रैटर्जी बनाते है, आईटीएम विकल्प में इन्ट्रिंसिक वैल्यू होता है

एटीएम विकल्प में सिर्फ टाइम वैल्यू होता है ओटीएम विकल्प में इंट्रीसिक वैल्यू नहीं होता है। इन सिनेरियस को समझ कर सही ऑप्शन चुनना मार्किट dynamics के अनुसार, ट्रेडर के लिए महत्वपूर्ण है।

आईटीएम, एटीएम और ओटीएम कॉल और पुट ऑप्शन में क्या अंतर है?

यह सारी TM, ATM और OTM ऑप्शन ट्रेडिंग में बहुत महत्वपूर्ण होती है इसी को ट्रेडर्स और इन्वेस्टर बेचते और खरीदते है और प्रॉफिट कमाता है इसको जानना इस में अंतर समझना काफी ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाता है,

अगर आप स्टॉक मार्केट में ऑप्शन ट्रेडिंग करना चाहते हैं, तो इसको सीखने से आप अपने रिकी को मैनेज कर सकते हैं और हेजिंग और आप खुद से स्टेटर्जी भी बना के काम कर सकते हैं TM, ATM और OTM इसको विस्तार से समझते हैं।

इन-द-मनी (आईटीएम):

ITM call ऑप्शन माना जाता है जब अंडरलाइन एसेट का करंट मार्केट प्राइस कॉल ऑप्शन के स्ट्राइक प्राइस से अधिक होता है इसका मतलब है, ऑप्शन होल्डर अपना अधिकार इस्तेमाल करता है तो वह स्टॉक को मार्किट प्राइस से सस्ता खरीद सकता है।

ITM put option तब मन जाता है जब अंडर एसेट का करेंट मार्किट प्राइस पूत ऑप्शन के स्ट्राइक प्राइस से काम होता है, यहाँ ऑप्शन होल्डर अपना अधिकार इस्तेमाल करके स्टॉक को मार्किट प्राइस से सस्ता बेच सकता है।

एट-द-मनी (एटीएम):

एटीएम कॉल विकल्पया पुट ऑप्शन तब माना जाता है जब अंडर लाइन असेट का करंट मार्किट प्राइस ऑप्शन के स्ट्राइक प्राइस के बराबर होता है। इस सिचुएशन में ऑप्शन होलडर को कोई इंन्ट्रिंसिक वैल्यू नहीं मिलता, लेकिन ऑप्शन का वैल्यू सिर्फ टाइम वैल्यू पर आधारित होता है।

आउट-द-मनी (ओटीएम):

ओटीएम कॉल विकल्पतब मन जाता है जब अंडर लाइन असेट का करेंट मार्किट प्राइस कॉल ऑप्शन के स्ट्राइक प्राइस से काम होता है, ऑप्शन होल्डर को अपना अधिकार इस्तेमाल करके स्टॉक को मार्किट प्राइस से सस्ता खरीदने का अधिकार नहीं होता।

ओटीएम पुट ऑप्शन तब मन जाता है जब अंडर लाइन असेट का करेंट मार्किट प्राइस पुट ऑप्शन के स्ट्राइक प्राइस से अधिक होता है, यहाँ ऑप्शन होल्डर को अपना अधिकार इस्तेमाल करके स्टॉक को मार्किट प्राइस से सस्ता बेचने का अधिकार नहीं है।

निष्कर्ष:

आशा करता हूं दोस्तों आपको यह जानकारी काफी अच्छा लगा होगा और आपकी ट्रेडिंग में काफी ज्यादा बदलाव आएगा इस जानकारी से आप हमारी वेबसाइट पर और भी ऑप्शन ट्रेडिंग से रिलेटेड आर्टिकल पढ़ सकते हैं जिससे कि आपकी ट्रेडिंग सुधरेगी यह आर्टिकल अपने रिलेटिव को भी शेयर करें जो ऑप्शन ट्रेडिंग में रुचि रखते हैं धन्यवाद।

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