हेलो, काफी सारे लोगों को यह कंफ्यूजन है पिछला आर्टिकल पड़ के ऑप्शन ट्रेडिंग में प्रीमियम क्या होता है। तो आज इसी को समझेंगे और जानेंगे कि ऑप्शन ट्रेडिंग में प्रीमियम कैसे उपयोग कर सकते हैं, और आखिर यह प्रीमियम होता क्या है इसको समझने से पहले कुछ बेसिक चीज जानना जरूरी है तो चलिए आज कुछ नया सीखते है।
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बेसिक ऑप्शन: कॉल और पुट
- विकल्प की परिभाषा:
- विकल्प वित्तीय साधन: है जो होल्डर को एक निश्चित कीमत पर या उसके पहके या उसके एक्सपायरी डेट पर अंडर लाइन एसिड को खरीदने या बेचने का अधिकार देता है।
- दो प्रकार के विकल्प:
- कॉल ऑप्शन: ट्रेडर को अंडरलाइन एसिड खरीदने का अधिकार देता है, मार्केट ऊपर जाता है तो कॉल ऑप्शन का प्राइस भी ऊपर जाता है मार्केट नीचे गिरता है तो कॉल ऑप्शन का प्राइस भी नीचे गिरता है।
- पुट ऑप्शन: ट्रेंड को अंडरलाइन एसिड बेचने का अधिकार देता है, मार्केट ऊपर जाता है तो Put का प्राइस नीचे गिरता है और मार्केट नीचे गिरता है तो Put ऑप्शन का प्राइस ऊपर जाता है।
ऑप्शन ट्रेडिंग में प्रीमियम क्या होता है?
- प्रीमियम क्या है?
- प्रीमियम वो दाम होता है जो ऑप्शन बुएर ऑप्शन सेलर (राइटर) को ऑप्शन द्वारा दिया गया खरीदने के लिए चुकता है।
- आप इसको इस प्रकार भी समझ सकते हैं की मान लो अभी (एबीसी) ऑप्शन का प्राइस ₹50 चल रहा है तो प्रीमियम इसी को ही बोलते हैं, ₹50 को यानी की ऑप्शन के प्राइस को ही प्रीमियम बोलते हैं।
- प्रीमियम पर असर डालने वाले कुछ फैक्टर:
- असली मान: अंडरलाइन एसेट के वर्त्तमान बाजार कीमत और स्ट्राइक प्राइस के बीच का अंतर.
- एक्सपायरी: इसमें मंथली और वीकली एक्सपायरी होता है ज्यादातर
- प्रीमियम घटना: ऑप्शन का प्रीमियम समय के साथ घटना रहता है एक्सपायरी जितना नजदीक होता है उतना ही तेजी से प्रीमियम घटता है।
- एक्सपायरी के दिन 75% चान्स होता है की ऑप्शन का प्रीमियम जीरो हो जाता है यह किसी इंस्ट्रूमेंट में होता है।
कॉल ऑप्शन का उदाहरण:
- मान लीजिये आपको लगता है कि कुछ महीने के अंदर किसी स्टॉक (ABC) की कीमत बढ़ेगी और वह अभी 50 रुपए के बीच में है,
- आप 55 रुपए की स्ट्राइक प्राइस वाले कॉल ऑप्शन खरीदते हैं.
- आप जो प्रीमियम देते हैं, वह असली मान और समय की मान का मिश्रण होता है.
- अगर वर्त्तमान बाजार की कीमत 50 रुपए है (अंडरलाइंग) और कॉल ऑप्शन का स्ट्राइक प्राइस 55 रुपए है, तो कोई असली मान नहीं है।
- प्रीमियम अधिकतर समय की मान से बनता है, जो झिझक और दुसरे फैक्टर्स से प्रभावित होता है,
पुट ऑप्शन का उदाहरण:
- या अगर आपको लगता है कि स्टॉक की कीमत गिरने वाली है:
- आप 45 रुपए की स्ट्राइक प्राइस वाले पुट ऑप्शन खरीदते हैं,
- अगर वर्त्तमान बाजार की कीमत 50 रुपए है, तो असली मान 5 रुपए का है (50 – 45)
- बाकी का प्रीमियम समय की मान है,
- खरीदार के लिए सिमित नुकसान: ऑप्शन खरीदार का अधिकतर नुकसान वही होता है जो उसने प्रीमियम दी होती है.
- बिक्री करने वाले के लिए अनंत जोखिम: ऑप्शन बेचने वाले के लिए नुकसान अनंत हो सकता है, खासकर अगर उन्होंने अपने स्थिति को सुरक्षित नहीं किया है.
सावधान:
- आपको खुद को शिक्षित बनाये रखना चाहिए: ऑप्शन ट्रेडिंग कुछ जा कम्प्लेक्सिटी के साथ आती है. यह ज़रूरी है की आप रिस्क और स्ट्रेटेजी को अच्छे से समझें तभी ट्रेड में शामिल हो,
- धीरे धीरे शुरू करें: पहले वर्चुअल ट्रेडिंग (असली पैसे नहीं, सिर्फ प्रैक्टिस के लिए) का विचार करें, तब रियल फंड्स का इस्तेमाल करें.
हमेशा याद रखें की व्यावसायिक बाजार में जोखिम होते हैं, और ट्रेडिंग को सावधानी पूर्व और एक अच्छे सोच-विचार से करना बहुत ज़रूरी है. अगर हो सके तोह, अनुभवी निवेशकों या वित्तीय प्रोफेशनल्स से सलाह मशविरा करें।
निष्कर्ष :
आशा करता हूं दोस्तों यह आर्टिकल आपको यूजफुल लगा होगा और आप इसे आज कुछ नया सीखे होंगे, यह आर्टिकल अपने रिलेटिव को भी जरूर शेयर करें जो स्टॉक मार्केट में रुचि रखते हो धन्यवाद।