आज में आपको बताने वाला हु स्टॉप लॉस मीनिंग इन हिंदी स्टॉप लॉस का मतलब क्या होता है हिंदी में। जैसा की आप सभी जानते है की पिछले कुछ सालो में स्टॉक मार्किट से हर कोई पैसा कमाना चाहता है।
इसमें कोई बुराई नहीं है लेकिन कुछ नये युवक-युवती भी स्टॉक मार्किट से प्रभावित हो कर ट्रेडिंग कर करे है। लेकिन उनको सीखने वाला कोई नहीं है या अगर कोई है तो उनसे सीखते नहीं सिर्फ प्रॉफिट देख कर आकर्षित होते है स्टॉप-लोस्स को नहीं समझते उनको पूरा का कैपिटल खत्म कर देते है।
तो में इस लेख के माध्यम से स्टॉप लॉस मीनिंग विस्तार से समझाऊंगा। अभी आप के पास समय नहीं है , तो लेख को अपने रिलेटिव को शेयर कर दे या कही Save कर ले जिससे की जब भी आप के पास टाइम हो आप पूरा पढ़ सके।
चलो जानते है,
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स्टॉप लॉस मीनिंग इन शेयर मार्किट?
दोस्तों स्टॉप लॉस का मीनिंग होता है अपने लॉस को स्टॉप करना स्टॉप लॉस एक रिस्क मैनेजमेंट का पाठ है। शेयर मार्केट में स्टॉप लॉस लगाना सबसे ज्यादा जरूरी होता है अपना एक फिक्स लॉस डिसाइड करना होता है,
यह आप के ऊपर है की आप परसेंटेज के हिसाब से लगते हो या भी कैपिटल के हिसाब से जैसा भी आप को सूटेबल हो उसी प्रकार से आप अपने लॉस को डिफाइन कर सकते हैं।
जिससे कि ज्यादा बड़े लॉस से बच सके क्योंकि बड़े-बड़े इन्वेस्टरों और ट्रेडरों ने कहा है कि आपको स्टॉप लॉस छोटा लेना चाहिए। अपने रिस्क के हिसाब से और प्रॉफिट बड़ा लेना चाहिए , तभी आप हर महीने प्रॉफिट में रह सकते है।
अगर आप स्टॉप लॉस नहीं लगते हो तो आपका सारा कैपिटल खत्म हो सकता है इसीलिए स्टॉपलॉस लगाना सबसे ज्यादा जरूरी है स्टॉप लॉस लगाना हम आगे सीखेंगे।
स्टॉप लॉस मीनिंग इन हिंदी विथ एक्साम्प्ले?
जैसा की मेने आप को ऊपर बताया है स्टॉप लोस्स का मतलब अपने लोस्स को स्टॉप करना ताकि लॉस बड़ा ना हो पाए। इसको थोड़ा एक्साम्प्ले से समझते है लॉस को डिफाइन करने के लिए बेस्ट 2 तरीके है
- परसेंटेज के हिसाब से
- पेसो के हिसाब से
परसेंटेज के हिसाब से इसको इस प्रकार समझते है की एक ट्रेडर जिसका नाम राहुल है और ट्रेडिंग कैपिटल कितना भी हो सकता है, राहुल डिसाइड करता है की अपने कैपिटल का 10% लॉस लेगा एक ट्रेड में तो जब भी राहुल को अपने पी.एन.एल में ट्रेडिंग कैपिटल का 10% लॉस दिखेगा तो उस ट्रेड को एग्जिट कर देगा।
पेसो के हिसाब से इसको इस प्रकार समझते है की रमेश नाम का एक ट्रेडर है रमेश अपने मनीमेंजमैंट के हिसाब से एक ट्रेड में 500 रुपए से ज्यादा का लॉस नहीं ले सकता है तो रमेश का जब भी 500 के आस पास लॉस दिखेगा तो उस ट्रेड को एग्जिट कर देगा।
ट्रेडिंग या इन्वेस्टिंग करते हो तो आप इसी प्रकार से अपने स्टॉप लॉस को डिसाइड कर सकते हो।
ट्रेलिंग स्टॉप लॉस मीनिंग इन हिंदी?
ट्रेलिंग स्टॉप लॉस का मतलब होता है अपने स्टॉप लॉस को प्रॉफिट की तरफ बढ़ाना इससे फायदा यह है, मार्किट आपके फेवर में चलने के बाद बिना टारगेट पॉइंट तक जाये बिना निचे गिरता है तो स्टॉप लॉस हिट नहीं होता है ट्रेलिंग करके आप निकल जाते हो एक्साम्प्ले से समझते है।
एक्साम्प्ले ऑफ़ ट्रेलिंग स्टॉप लॉस:
स्पोज करो आप ने कोई ट्रेड लिया हुआ है आप का स्टॉप लॉस है 500 रुपए मार्किट ऊपर जाता है। प्रॉफिट 500 से 700 के बिच चल रहा है फिर आप 500 रुपए स्टॉप लॉस को जिस प्राइस पर बाय किया है उसी पर SL लगा दोगे फिर कुछ समय बाद प्रॉफिट 1000 से 1200 के बिच चल रहा होता है।
फिर आप एस.ल को 500 रुपए के प्रॉफिट में लगा देते हो 10-20 रु आगे-पीछे भी हो सकता है, कुछ देर के बाद बाई-चांस मार्किट बिना टारगेट पॉइंट पर जाये निचे आता है उससे प्रॉफिट भी घटना शुरू होता है, तो आप 500 रुपए प्रॉफिट के आस-पास निकल जाते हो तो इसी को ट्रेलिंग स्टॉप लॉस कहते है।
स्टॉप लॉस कैसे लगाये?
स्टॉप लॉस को आप दो तरीके से लगा सकते हैं,
- मैनुअल एग्जिट
- सिस्टम स्टॉप लॉस
मैन्युअल एग्जिट: में एक ट्रेंड अपने स्टॉपलॉस को दिमाग में रखता है और प्राइस देखता रहता है जब भी स्टॉप लॉस जो उसने डिसाइड क्या है उस प्राइस पर आता है तो वह उसे ट्रेड को मैन्युअल एग्जिट कर देता है,
मैन्युअल एग्जिट में ट्रेडर का इमोशन ज्यादा आता है कभी-कभी बिगनेर ट्रेड अपने स्टॉपलॉस को ही नगेटिव की तरफ ट्रेल कर देता है,
जिससे उसका लॉस और भी बड़ा हो जाता है मैन्युअल एग्जिट प्रोफेशनल ट्रेड या फिर जब 2 साल का एक्सपीरियंस हो जाए उसके बाद ही मैन्युअल एग्जिट करना चाहिए तब तक आप इमोशन को काफी हद तक कंट्रोल कर पते हो।
सिस्टम स्टॉप लॉस: एक ट्रेंड जब भी पोजीशन लेता है तो वह अपने ब्रोकर प्लेटफार्म पर ही स्टॉप लॉस प्राइस डालकर रख देता है जब भी उसका प्राइस हिट होगा तो पोजीशन ऑटोमेटिक ही एग्जिट हो जाता है,
सिस्टम स्टॉप लॉस में आपका इमोशन नहीं रहता है जिससे कि आपके डिसाइड किए हुए प्राइस पर ही ट्रेड एग्जिट हो जाता है इससे आपका इमोशन नहीं आता है और आप बिगनर हो तो सिस्टम स्टॉप लॉस ही लगाना चाहिए इस्से बड़े लॉस से बच सकते हो।
लोग यह भी पूछते हैं
Q.1 शेयर बाजार में स्टॉप लॉस क्या होता है?
Ans. एक प्रोफेशनल ट्रेडर अपने लॉस को डिसाइड करता है और इस पर ही एग्जिट करता है इसी को शेयर बाजार में स्टॉप लॉस कहते हैं।
Q.2 शेयर मार्केट में स्टॉप लॉस कैसे लगाते हैं?
Ans. आप स्टॉप लॉस दो तरीके से लगा सकते हैं मैनुअल और ब्रोकर के प्लेटफॉर्म पर।
Q.3 स्टॉप लॉस का उपयोग कैसे करें?
Ans. आपको सबसे पहले अपना स्टॉपलॉस डिसाइड करना होगा, आप परसेंटेज वाइज डिसाइड करें या फिर अपने पैसों के हिसाब से उसके बाद उसको आप लाइव मार्किट में इस्तेमाल करे।
Q.4 ट्रिगर मूल्य का हिंदी में अर्थ?
ट्रिगर प्राइस यानी की आपने कोई प्राइस डिसाइड किया हुआ है ब्रोकर के सिस्टम पर उसे प्राइस का आर्डर लगा दिया, वह प्राइस पर जब भी मार्केट आएगा तो आप का ऑडर ट्रिगर हो जायेगा इसी का मीनिंग ट्रिगर प्राइस होता है।
निष्कर्ष:
आशा करता हूं स्टॉप लॉस मीनिंग इन हिंदी आपको अच्छे से समझ में आ गया होगा, आपको यह आर्टिकल अच्छा लगा तो मुझे स्टार जरूर दें और कॉमेंट कर के बताये की आप को कितना एक्सप्रियंस है, स्टॉक मार्किट में आप अपने रिलेटिव को भी शेयर करें जो शेयर मार्केट में इंटरेस्ट है धन्यवाद।