सपोर्ट और रेजिस्टेंस कैसे ड्रॉ करें।

सपोर्ट और रेजिस्टेंस क्या है। और ड्रॉ कैसे करते है आप आज यह सिखने वाले और में दावे के साथ कह सकता हु। की आर्टिकल में जो बताया गया है। उसे फ्रोलो करने के बाद आप का प्रॉफिट दो गुना बढ़ जायेगा। और आप का लॉस काम होगा। इस आर्टिकल में आप को फालतू की चीजे नहीं मिलेगी।

आप को स्पोर्ट और रेजिस्टेंस ड्रॉ कैसे करते है। यह नहीं बताया गया है। सपोर्ट और रेजिस्टेंस किस जगह ड्रॉ करना है यह बताया गया है। ताकि आप का प्रॉफिट बड़ा हो सके।

सपोर्ट और रेजिस्टेंस का सीक्रेट क्या है।

दोस्तों सीक्रेट यह है की आप अगर बिगनेर या इंट्राडे ट्रेडर हो तो सपोर्ट और रेजिस्टेंस ब्रेक होने पर ट्रेड नहीं लेना है। और सिर्फ सपोर्ट और रेजिस्टेंस ड्रॉ करने के बाद ट्रेड नहीं लेना है। आप को एक स्टेटर्जी चाहिए होगा।

ताकि आप स्टॉप लॉस और सही जगह एंट्री ले सके। इंट्राडे ट्रेड के लिए आप को 1 घंटे के टाइम फ्रेम पर सपोर्ट और रेजिस्टेंस ड्रॉ करना है। और सपोर्ट या रेजिस्टेंस पर प्राइस आने पर आप को दूसरे स्टेटर्जी का बन्ने का इंतजार करना है। उसके बाद आप ट्रेड ले सकते हो।

  • बिना सेटअप के ट्रेड नहीं लेना है।
  • 1 घंटे टाइम फ्रेम उपयोग करना है।
  • स्टेटर्जी ऐसी होनी चाहिए। जिसमे स्टॉप लॉस छोटा हो।
  • सपोर्ट और रेजिस्टेंस के ब्रेक आउट पर ट्रेड नहीं लेना है। (क्योकि वह 90% फॉल्स ब्रेक आउट होते है।
  • ट्रेड लेने के लिए यानि एंट्री एग्ज़िट के लिए 15 मिनट या 5 या फिर 10 मिनट टाइम फ्रेम का उपयोग करे।

सपोर्ट और रेजिस्टेंस क्या है।

सपोर्ट क्या है। मान लेते है की प्राइस 500 से 450 तक आया और 450 से प्राइस ऊपर चला गया। 510 पर मार्किट बंद हो गया। फिर कल अगर मार्किट 450 पर वापसी आता है तो वापसी मार्किट ऊपर जाता है। तो इसे ही स्पोर्ट कहते है।

सपोर्ट
सपोर्ट

रेजिस्टेंस क्या है। मान लेते है की प्राइस 450 से 500 तक आया और मार्किट बंद हो गया। फिर कल दोबारा से प्राइस 500 तक आया फिर अगर प्राइस वापसी निचे जाता है तो इसे ही रेजिस्टेंस कहते है।

रेजिस्टेंस
रेजिस्टेंस

दोस्तों स्पोर्ट अगर ब्रेक कर के प्राइस नीचे जाता है और वापसी अगर प्राइस उसी स्पोर्ट पर आता है। तो वह स्पोर्ट नहीं रजिस्टेंस बन जाता है। और अगर रजिस्टेंस ब्रेक कर के प्राइस ऊपर जाता है।

अगर फिर वापसी उसी रजिस्टेंस पर प्राइस आता है तो वह स्पोर्ट बन जाता है। आपको इन बातो को धियान देना होगा।

सपोर्ट और रेजिस्टेंस

सपोर्ट और रेजिस्टेंस

मैं आशा करता हु की आप को सपोर्ट और रेजिस्टेंस क्या है। समझ में आ गया होगा। और सिर्फ 3 महीने की बेक टेस्टिंग करे। ताकि आप की आँखे ट्रेंड हो सके और आप को बेक टेस्टिंग 1 घंटे के चार्ट पर करना है।

कुछ दिनों तक ऐसे ही करे। क्योंकी आप की ऐसा करने से आप को कॉन्फिडेंस आएगा।

ट्रेड करते समय और आप की सैलकोज़ी भी इम्प्रोव होगी। आगे जानते है की सपोर्ट और रेजिस्टेंस चार्ट में कहा ड्रॉ करना है ताकि ट्रेड की विनिंग रेट बढ़ सके और अच्छा प्रॉफिट हो।

सपोर्ट और रेजिस्टेंस चार्ट में किस जगह ड्रॉ करे।

आप को सपोर्ट और रेजिस्टेंस 1 घंटे टाइम फ्रेम में ड्रॉ करना है। जैसे की मुझे आज ट्रेड करना है तो में कल और परसो का लो और हाई को जॉन बना के ड्रॉ कर लो। और फि स्पोर्ट और रेजिस्टेंस पर प्राइस आने पर में कोई और स्टेटर्जी को उपयोग करके ट्रेड करुगा।

आप भी यह स्टेटर्जी का उस कर सकते हो। और इस स्टेटर्जी का स्टॉप लॉस बिलकुल ही काम है। आप एक बार जरूर पड़े। और कुछ फोटो है जिसमे समझाया हुआ है।

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सपोर्ट और रेजिस्टेंस 1 घंटे में ड्रॉ

मेरी सलाह

दोस्तों सपोर्ट और रेजिस्टेंस समझने के बाद आपको सबसे पहले इस बैक टेस्टिंग करनी है। काम से काम 3 महीन की ताकि आपको कॉन्फिडेंस आए और आपकी आंखें ट्रेंड हो सके।

आपको पता चल सके कि सपोर्ट और रेजिस्टेंस में कैसे काम करना है और जिस दिन आपका टारगेट बढ़ा ना हो। तो उस दिन ट्रेड नहीं करें। तो अच्छा रहेगा।

मेरा मानना यह है कि आपको स्टॉक मार्केट में सिर्फ 90% इंतजार करना पड़ता है। कोई भी सेटअप बनने के बाद स्टॉक मार्केट में 10% ही काम करना पड़ता है।

अगर आप नए ट्रेडर हो तो आपको 11:00 बजे के बाद ट्रेड लेना चाहिए। इसका रीजन यह है की बड़े-बड़े म्यूचल फंड या बैंक और फंड मैनेजर जैसी बड़ी-बड़ी कंपनियां 10:00 बजे के बाद खुलती है।

उस समय जब वह ट्रेड लेते हैं। तो एक सॉलिड बड़ा मुवमेन्ट आने का चांस ज्यादा रहता है। मार्केट में जिससे कि आपकी विनिंग ग्रेट इनक्रीज होगा। ताकि आप मार्केट में ज्यादा पैसा कमा पाओगे।

यह आर्टिकल समझ में आया तो आप हमें कमेंट करके जरूर बताएं। और ऐसे ही स्टेटर्जी सीखने के लिए हमें फॉलो जरूर करें।

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