स्ट्राइक प्राइस हिंदी में ऑप्शन ट्रेडिंग क्या होती है?

हेलो दोस्तों आज मैं स्ट्राइक प्राइस क्या होता है ऑप्शन ट्रेडिंग में यह बताऊंगा क्योंकि यह काफी ज्यादा महत्वपूर्ण होता है, अगर आप ऑप्शन ट्रेडिंग सीखना चाहते हो तो, स्ट्राइक प्राइस को समझ के हम अच्छा प्रॉफिट कमा सकते हैं और बड़े लॉस से भी बच सकते हैं इस आर्टिकल में इस स्ट्राइक प्राइस से रिलेटेड बेसिक जानकारिया बताई गई है जो की बिगनर के लिए जानना बहुत जरुरी है।

स्ट्राइक प्राइस क्या होता है ऑप्शन ट्रेडिंग में?

स्ट्राइक प्राइस ऑप्शन ट्रेडिंग में एक महत्वपूर्ण कारक है जो ट्रेडर के ट्रेडिंग डिशन्स को डायरेक्टली इन्फ्लुएंस करता है। इससे जुड़े सही डिशन्स लेने के लिए, ट्रेडर को मार्किट की कंडीशंस, वोलैटिलिटी, और अपने रिस्क सहनशीलता पर ध्यान देना होता है।

हर ट्रेड के लिए स्ट्राइक प्राइस पर ध्यान देना, मार्केट एनालिसिस और रिस्क मनगमें के साथ जुड़ना होता है। यदि आप एक सफल ट्रेडर बनना चाहते हैं, तो स्ट्राइक प्राइस का महत्व समझना और सही तरीके से इसका इस्तमाल करना अवसर है।

स्ट्राइक प्राइस क्या होता है?

दोस्तों स्ट्राइक प्राइस कुछ नहीं एक राउंड नम्बर होता है बैंक निफ्टी का एग्जांपल लेते हैं जैसे की बैंक निफ्टी में आप देखते होंगे। ₹44000, ₹44100, ₹44200, इसी राउंड नम्बर को स्ट्राइक प्राइस कहते है, यह किसी भी स्टॉक या इंडेक्स का हो सकता है आप अपने डीमेट अकाउंट में सर्च कर के देख सकते है, इसको खरीद भी सकते है और बेच भी सकते है।

स्ट्राइक प्राइस का महत्व:

  1. ट्रेडिंग स्ट्रेटजी डिसाइड करता है: स्ट्राइक प्राइस का चुनाव की ट्रेडर की स्ट्रेटजी को डिफाइन करता है, कुछ ट्रेडर्स लौ-रिस्क और लौ-रिवॉर्ड के लिए नियर-थे-मनी स्ट्राइक प्राइस खरीदते है। और कुछ ट्रेडर हाई-रिस्क हाई-रिवॉर्ड के लिए आउट-ऑफ़-थे-मनी ये फिर इन-थे-मनी स्ट्राइक प्राइस खरीदते है।
  2. ऑप्शन के वैल्यू: पर स्ट्राइक प्राइस का बड़ा प्रभाव होता है कॉल ऑप्शन के लिए जब अंडरलाइन एसिड का प्राइस ”स्ट्राइक प्राइस” से अधिक होता है, तो तभी ऑप्शन में इन्ट्रिंसिक वैल्यू होता है और पुट ऑप्शन के लिए जब अंडरलाइन एसिड का प्राइस ”स्ट्राइक प्राइस” से कम होता है तभी ऑप्शन में इंटरेस्टिंग वैल्यू होता है।
  3. एक्सपायरी डेट के साथ संबंध: स्ट्राइक प्राइस को चुनने के बाद ट्रेंड को एक्सपायरी डेट भी डिसाइड करना पड़ता है, एक्सपायरी डेट हर किसी का अलग होता है ज्यादा तर वीकली और मंथली होता है।

स्ट्राइक प्राइस के प्रकार:

  1. In-the-Money (ITM): जब किसी ऑप्शन का स्ट्राइक प्राइस करंट मार्किट प्राइस से कम होता है (कॉल ऑप्शन के लिए) या उससे अधिक होता है (पुट ऑप्शन के लिए), तो उस ऑप्शन को “इन-द-मनी” कहा जाता है।
  2. At-the-Money (ATM): जब किसी ऑप्शन का स्ट्राइक प्राइस करंट मार्केट प्राइस के बराबर होता है, तो उस ऑप्शन को “एट-द-मनी” कहा जाता है।
  3. Out-of-the-Money (OTM): जब किसी ऑप्शन का स्ट्राइक प्राइस करंट मार्केट प्राइस से अधिक होता है (कॉल ऑप्शन के लिए) या उससे कम होता है (पुट ऑप्शन के लिए), तो उस ऑप्शन को “आउट-ऑफ-द-मनी” कहा जाता है।

Conclusion:

निष्कर्ष में, आशा करता हूं स्ट्राइक प्राइस क्या होता है ऑप्शन में आपको अब समझ में आ गया होगा, आपका कोई और सवाल हो तो हमें कमेंट में जरूर बताएं में उसका उत्तर जरूर देंगे। और यह आर्टिकल अपने रिलेटिव को भी शेयर करें ताकि वह भी जान सके स्ट्राइक प्राइस ऑप्शन में कितना महत्वपूर्ण है, हैप्पी ट्रेडिंग जर्नी।

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