दोस्तों आज लिक्विडिटी शेयर के बारे में बात करेंगे। लिक्विड स्टॉक क्या है। इस को उदाहरण से समझते हैं। मान लेते है की आपके दो होलेट है एक दिल्ली में है दूसरा आप के गांव में और आपको पैसे को जरूरत है।
जो होटल बेच कर आसानी से पैसे मिल जाए। उसे लिक्विडिटी कहते है।
मेरे हिसाब से दिल्ली वाला होटल पहले बिकेगा। दिल्ली में खरीदने वाले ज्यादा मिल जायेगे गांव के हिसाब से वैसे ही स्टॉक्स में होता है जिस स्टॉक्स में खरीदने और बेचने वाले लोग ज्यादा होते है उसी को लिक्विडिटी कहते है।
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- 1 स्टॉक्स में लिक्विड क्यों देखना चाहिए?
- 2 क्या कम लिक्विडिटी वाले स्टॉक्स में निवेश करना चाहिए?
- 3 लिक्विड स्टॉक लिस्ट।
- 4 इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए लिक्विड स्टॉक क्यों महत्वपूर्ण है?
- 5 सबसे ज्यादा पूछे जाने वाले प्रश्न?
- 6 ट्रेडिंग चार्ट कैसे देखते हैं?
- 7 ऑप्शन ट्रेडिंग में स्टॉप लॉस कैसे तय करें?
- 8 कॉल और पुट क्या होता है?
- 9 इंट्राडे में कितना चार्ज लगता है?
- 10 ट्रिगर प्राइस क्या होता है?
- 11 स्टॉक में डिलीवरी और ट्रेड में क्या अंतर है?
स्टॉक्स में लिक्विड क्यों देखना चाहिए?
मान लेते है। आप ने (AYZ) 105 रुपए में स्टॉक खरीदा और आप का स्टॉपलॉस है 98 रुपए का और (AYZ) स्टॉक में ज्यादा लिक्विडिटी नहीं है। तो आप का 98 रुपए पर स्टॉपलॉस नहीं कटेगा और डाउन सर्किट लगता रहेगा।
बार – बार और आपका बड़ा लॉस हो जाएगा। इस लिए हाइ लिक्विडिटी स्टॉक्स ही खरीदने चाहिए।
लिक्विडिटी का क्या फायदा है।
- दोस्तों सबसे बड़ा फायदा है की डाउन सर्किट या अपर सर्किट नहीं लगता जिससे आपका बड़ा लॉस होने से बच जाता है।
- ऐसे स्टोक्स आप कभी भी बेच सकते हो। या फिर खरीद सकते हो।
- हाई लिक्विड स्टॉक वाले स्टोक्स को कोई भी ऑपरेट नही कर सकता।
- ऐसे स्टोक कंपनी फ्रॉड नही होता है। जिससे आप का पैसा लम्बे समय तक सेफ रहता है।
क्या कम लिक्विडिटी वाले स्टॉक्स में निवेश करना चाहिए?
वैसे तो नहीं करना चाहिए मगर आप के आप पैसा ज्यादा है। और आप का रिस्क मैनेजमेंट अच्छा है या आप ज्यादा रिस्क लेते हो तो आप कम लिक्विडिटी वाले स्टॉक्स में निवेश सकते हो। अगर आप बैनर हो
और काम रिस्क लेना चाहते हो तो आप को कम लिक्विडिटी वाले स्टॉक्स में निवेश नहीं करना चाहिए।
कम लिक्विडिटी वाले स्टॉक्स में निवेश करने से क्या नुकसान है।
- आप एक बार में ज्यादा शेयर खरीद या बेच नहीं सकते।
- ऐसा भी हो सकता है आप के रिसर्च के अनुसार आप को वह प्राइस न मिले जो आप ने सोचा हो।
- स्टॉपलॉस आने पर आप का स्टॉक्स सेल न हो और आप का बड़ा लॉस में पोजीसन कटे।
- आप का टारगेट हिट होने पर आप की पोजीसन एक बार में न कटे और आप का कुछ प्रॉफिट काम हो जाये।
किस इंडिगेटर से पता करे की स्टॉक्स में लिक्विडिटी है या नहीं।
वैसे तो आप को काफी सरे इंडिगेटर मिल जाये गए लेकिन बेस्ट वॉल्यूम इंडिकेटर है। आप इस की मदद से पता कर सकते है। की स्टॉक्स में लिक्विडिटी है या नहीं आप को एक दिन का चार्ट लगाना है फिर वॉल्यूम इंडिकेटर लगाना है आप को देखना है की वॉल्यूम ज्यादा है की नहीं। वॉल्यूम ज्यादा है
तो अच्छा है वॉल्यूम ज्यादा नहीं है तो अच्छा नहीं है। और एक दिन की कंडेल छोटी बन रही है या बड़ी आप को साथ में कंडेल को भी देखना पड़ेगा। और वॉल्यूम के साथ कंडेल भी बड़ा बनना चाहिए।
लिक्विड स्टॉक स्टॉक्स क्यों महत्वपूर्ण हैं?
लिक्विड स्टॉक्स इसलिए महत्वपूर्ण हैं की यह सारी परेशानियो का सामना नहीं करना पड़े। दोस्तों मन लेते है की आप को नया घर लेना है या आप के घर में शादी है
या फिर किसी भी कारन से आप को पेसो की जरूरत है। और आप के स्टॉक में लिक्विडिटी नहीं है तो आप का किया होगा।
आप के पास पैसे होते हुए भी आप उसको खर्च नहीं कर पाओगे या और आप को इधर उधर से पेसो का इंतजाम करना होगा। या ऐसा भी हो सकता है की पोजीसन में लोस्स चल रहा हो
और आप इसको बेच कर दूसरे स्टॉक में पैसा लगाना चाहते हो और फिर आप को स्टॉक सेल ही न हो।
लिक्विडिटी कहां पर सबसे ज्यादा काम आती है?
जब आपको ऑप्शन इंट्राडे या स्विंग ट्रेडिंग करना चाहते हो या फिर बड़ा इन्वेस्ट करना चाहते हो तो आप को लिक्विडिटी सबसे ज्यादा काम आती है?
लिक्विड मार्केट और इलिक्विड मार्केट क्या हैं?
पुरानी कहावत है की बुरे लोगो से दोस्ती मत करो और उनसे दूर रहो। वैसे ही स्टॉक का है जिसमे लिक्विटी अच्छी है और वॉल्यूम अच्छा है चार्ट आसानी से समझ आ रहा है उसे लिक्विड मार्केट कहते है।
इलिक्विड का मतलब है की स्टॉक का चार्ट अच्छा नहीं है केंडल छोटे – छोटे बन रहे है या फिर कभी – कभी काफी ज्यादा बड़े केंडल बन रहे है। और चार्ट आसानी से समझ में नहीं आ रहा। वॉल्यूम भी उथल पुथल है।
दोस्तों इसी को इलिक्विड मार्केट कहते है। कुछ साल पहले NES और BSE ने भी मना कर दिया है साफ की इलिक्विड स्टॉक में निवेश नहीं करना चाहिए।
लिक्विडिटी और वोलैटिलिटी में क्या अंतर है?
लिक्विडिटी और वोलैटिलिटी में यह अंतर है की
- लिक्विडिटी दर्शाती है की स्टोक्स खरीदने बेचने वाले लोग ज्यादा है या नहीं। या फिर लोग बड़ी पोजीसन बेचते या खरीदते है की नहीं।
- वोलैटिलिटी को उधाहरण से समझते है। आपने खरगोश और कछुए की कहानी तो सुनी होगी। वोलैटिलिटी भी ऐसा है स्टॉक कछुए की तरह धिरे -धीरे लगातार चल रहा है या फिर खरगोश की तरह एक बार तेजी से भागा और फिर चला ही नहीं।
लिक्विड स्टॉक लिस्ट।
सबसे अच्छे लिक्विड स्टॉक लिस्ट आप इंट्राडे या सुविंग ट्रेडिंग या लॉन्ग टर्म निवेश भी कर सकते है मगर अपनी रिसर्च जरूर करे।
No | Stock |
---|---|
1 | Adani Ports & SEZ |
2 | AXIS Bank |
3 | Bajaj Finance |
4 | Bharti Airtel |
5 | ICICI Bank |
6 | IndusInd Bank |
7 | Larsen & Toubro |
8 | Maruti Suzuki |
9 | Oil & Natural Gas |
10 | Power Grid |
11 | Reliance Industries |
12 | SBI |
13 | Sun Pharma |
14 | Tata Steel Ltd |
15 | UltraTech Cement |
इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए लिक्विड स्टॉक क्यों महत्वपूर्ण है?
इंट्राडे में आप को जल्दी से बेचना और खरीदना पड़ता है आप इंतजार नहीं कर सकते क्योकि इंट्राडे में मरजें ले कर पोजीसन बनाते है। ताकि बड़ा प्रॉफिट हो अगर स्टॉक में लिक्विडिटी नहीं या काम हुई
तो आप की पोजीसन बिकवाली नहीं होगी या आप मन चाहे प्राइस पर खरीद या बेच नहीं सकते हो इस लिए महत्वपूर्ण है इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए लिक्विड।
इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए क्या जरूरी है?
- धैर्य सबसे जरूरी है ट्रेडिंग के लिए
- आपको कोई भी रणनीति जिसका जितने का 75% संभावना होना चाहिए।
- आपको पेसो को मैनेज करना आना चाहिए। हाई लिक्विड स्टॉक में ही इंट्राडे ट्रेडिंग करे।
- आप बिगनेर हो तो शुरुआत में कुछ महीने कम कॉन्टिटी में काम करना चाहिए।
- कभी भी बिना स्टॉप लॉस लगाए काम नहीं करना चाहिए
- टारगेट हिट हो जाये तो तुरंत ही उस पोजीसन से निकल जाना चाहिए। लॉस रिकवर नहीं करना चाहिए।
और भी अच्छे से समझने के लिए यह लेख जरूर पड़े बेस्ट 7 प्रीमियम इंट्राडे ट्रेडिंग टिप्स।
इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए सबसे अच्छा इंडिकेटर कौन सा है?
जो इंडिकेटर आप को भाता है लुभाता है समझ में आता है और आसान है। वह इंडिकेटरF आपके लिए सबसे अच्छा है कुछ बेस्ट इंडिकेटर के नाम बता देता हु इसे देखिये सिखये समझिये आप उस पर बैक टेस्टिंग करिये।
आप को जो समझ में आये उस से पैसे कमाइए। क्योकि हर ट्रेडर का सेटप अलग – अलग होता है। वैसे भी पैसे पर लिखा नहीं होता इंडिकेटर का नाम आप को जिससे प्रॉफिट हो रहा हो आप उसे इस्तेमाल कर सकते है। मगर शुरुआत में कम पेसो के साथ ट्रेड करे।
यह 7 इंडिकेटर सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है।
- Moving Average
- MACD Indicator
- Bollinger Bands Indicator
- RSI Indicator
- ADX Indicator
- Supertrend Indicator
- OBV Indicator
इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए बेस्ट ब्रोकर कोन सा है।
वैसे तो आज कल सारे ब्रोकर अच्छे है लेकिन मेरा फेब्रेट ZERODHA है। क्योकि फ्री में अकाउंट खुल जाता है फ़ास्ट भी है और आसानी से समझ भी आता है। बस हर एक ऑडर पर 20 रुपए देना होता है। और साल में 300 और 400 रुपए के आस पास मेन्टेनेंस चार्ज भी देना पड़ता है। और दूसरा है।
Mstock इसको भी इस्तेमाल करना आसान है इसमें अकाउंट खुलवाने में 2400 रुपए लगते है। फिर जिंदगी भर आप का ब्रोकरेज और मेन्टेनेंस चार्ज फ्री हो जाता है। 999 रुपए देने पर आप का ब्रोकरेज फ्री हो जाता है
और 999 और देने पर मेन्टेनेंस फ्री हो जाता है और कुछ TEX जोर कर 2400 रुपए देने पड़ते है। बस कभी – कभी हेंग हो जाता है 5 से 10 सेकंड तक केलिए।
आप नए हो तो Mstock मेरे हिसाब से आप के लिए अच्छा है क्योकि ब्रोकरेज नहीं देना पड़ेगा। नए ट्रेडर के लिए ब्रोकरेज मेहगा पड़ता है बस आप को Mstock में ज्यादा पेसो के साथ ट्रेड नहीं करना है। आप ज्यादा पेसो के साथ ट्रेड करते हो तो आप के लिए ज़ेरोधा अच्छा है।
सबसे ज्यादा पूछे जाने वाले प्रश्न?
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ट्रेडिंग चार्ट कैसे देखते हैं?
आप किसी भी डीमैट में ट्रेडिंग चार्ट देख सकते है। अगर डीमैट आप के पास नहीं है तो tradingview पर फ्री में देख सकते है। आप को स्टॉक का नाम सर्च करना है। उसका ट्रेडिंग चार्ट आप के सामने दिख जाये गए।
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ऑप्शन ट्रेडिंग में स्टॉप लॉस कैसे तय करें?
दोस्तों आप बिगनेर हो तो आप एक लोट में 30 पॉइंट से 50 पॉइंट का लगा सकते हो। दूसरा तरीका है आप अपने ट्रेडिंग केपिटल का 10% स्टॉप लॉस लगा सकते हो।
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कॉल और पुट क्या होता है?
Aऑप्शन में कॉल CE का मतलब होता जब मार्किट ऊपर जाती है तो कॉल CE का प्राइस बढ़ता है। और पुट PE का प्राइस घटता है। और जब मार्किट निचे आती है तो पुट PE का प्राइस बढ़ता है। और कॉल CE का प्राइस घटता है।
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इंट्राडे में कितना चार्ज लगता है?
वैसे तो हर ब्रोकर का चार्ज अलग – अलग होता है। मगर ज्यादातर ब्रोकर ₹20 पर ऑडर चार्ज करते हैं और कुछ टैक्स लगता है टैक्स ज्यादा नहीं होता ब्रोकरेज ज्यादा होता है कुछ ब्रोकर चार्ज नहीं लेते हैं। वह फ्री देते हैं लाइफ टाइम के लिए अकाउंट खुलवाने समय आपसे कुछ चार्ज लेते हैं। फिर उसके बाद लाइफ टाइम फ्री ब्रोकरेज रहता है।
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ट्रिगर प्राइस क्या होता है?
मान लेते है की आपकी रिसर्च के अनुसार XYZ स्टॉक का प्राइस 105 पर रजिस्टेंस है और आप 107 में खरीदना चाहते हो तो आप लिमिट ऑडर 107 का लगा देते हो। ऑडर कंप्लीट हो जाता है तो उसी का मतलब होता है। की आप का प्राइस ट्रिगर हो गया।
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स्टॉक में डिलीवरी और ट्रेड में क्या अंतर है?
डिलीवरी का मतलब होता है की आपने 1 दिन से ज्यादा स्टॉक को होल्ड करोगे। और इंट्राडे का मतलब होता है आप जिस दिन खरीदोगे उसी दिन बेच दोगे।
अंतिम शब्द”
मैं आशा करता हूं कि आपको यह लेख समझ आया होगा। कि लिक्विड स्टॉक क्या होता है किसी भी स्टॉक में निवेश करने से पहले अपने फाइनेंसियल एडवाइजर से साला एक बार जरूर लें
और अपने पैसो को मैनेज करके निवेश करें। अगला आर्टिकल आपको किस पर चाहिए हमें कमेंट करके जरूर बताएं। और इस लेख के बारे में कुछ और पूछना हो। तो भी आप कमेंट करके पूछ सकते हैं हम आपका रिप्लाई जरूर देंगे। धन्यवाद,