स्विंग ट्रेडिंग स्ट्रेटजी है। और कुछ सीक्रेट

स्विंग ट्रेडिंग स्ट्रेटजी लॉन्ग टर्म के इन्वेस्टमेंट ट्रेडिंग के लिए किया जाता है। आप इसे इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए भी उपयोग कर सकते है। अन्य स्ट्रेटजी के साथ मिलाकर। जैसे कि ट्रेनलाइन ब्रेकआउट स्ट्रेटजी इसमें भी स्विंग का उपयोग किया जाता है।

स्विंग कितने टाइम के लिए किया जाता है?

वैसे स्विंग ट्रेडिंग एक हफ्ते से महीने तक किया जाता है। जैसे कि आपने किसी भी स्टॉक को खरीदा और आप उसे 1 हफ्ते से 5 महीने के अंदर बेचकर अपना लॉस या प्रॉफिट बुक कर लेते हैं तो उसे स्विंग ट्रेडिंग कहते हैं।

Swing Trading Strategy In Hindi?

मार्केट के उतार-चढ़ाव के दौरान चार्ट पर स्विंग बनते हैं। इसे नीचे दिए गए फोटो में आप अच्छे से समझ सकते हैं।

स्विंग
स्विंग

इसमें आपको ज्यादा सोचना या समझना नहीं पड़ता। यह स्टेटजी का उपयोग करते समय आपको कुछ बातों का ध्यान रखना है जैसे की

  • चार्ट टाइम फ्रेम 2 घंटे और 4 घंटे का उपयोग करना है।
  • लाइन की मदद से दो स्विंग को जोड़ते हुए वह लाइन आगे ले जाना है।
  • जब तीसरा स्विंग ट्रेंडलेन को टच करें और वहां पर बुलिश कैंडल या कोई इंडिसीजन कैंडल बन तो उसके ब्रेकआउट पर ट्रेड खरीद सकते है।
  • टारगेट स्टॉप लॉस को ट्रेल करते हुए बड़ा प्रॉफिट बुक कर सकते हैं।
  • स्टॉप लॉस जिस कैंडल का ब्रेक आउट हुआ है उसी कैंडल के नीचे लगाएं। नीचे दिए गए फोटो में समझाया गया है।
Swing Trading Strategy In Hindi?
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स्विंग ट्रेडिंग कितने दिनों के लिए किया जाता है?

एक हफ्ते से ले कर पांच महीने तक।

स्विंग ट्रेडिंग कैसे करते हैं?

लाइन की मदद से दो स्विंग को जोड़ते हुए वह लाइन आगे ले जाए। जब उसी लाइन पर तीसरा स्विंग बने वहीं पर कोई बुलिश कैंडलेस्टिक पेटर्न या फिर इंडिसीजन कैंडलेस्टिक पेटर्न बने। उसके ब्रेकआउट पर ट्रेड बाय करना होता है। और उसके नीचे स्टॉप लॉस लगाना होता है।

स्विंग ट्रेडिंग के लिए क्या महत्वपूर्ण है?

दो स्विंग को लाइन से जोड़ना और तीसरे स्विंग पर कोई बुलिश कैंडलेस्टिक पेटर्न या फिर इंडिसीजन कैंडलेस्टिक पेटर्न बन्ना। कैंडलेस्टिक का ब्रेकआउट।

पोजीशन ट्रेडिंग और स्विंग ट्रेडिंग में क्या अंतर है?

पोजीशन ट्रेडिंग 6 महीने से ऊपर के लिए किया जाता है। और स्विंग ट्रेडिंग 1 हफ्ते से 5 महीने के बिच में किया जाता है।

ट्रेडिंग कितने प्रकार के होते हैं?

ट्रेडिंग 4 प्रकार के होते है। इंट्राडे ट्रेडिंग, स्विंग ट्रेडिंग, शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग, लॉन्ग टर्म ट्रेडिंग हैं।

नोट

अगर आप पहली बार स्विंग ट्रेडिंग कर रहे हो। या फिर ट्रेन लाइन पर ट्रेड कर रहे है। तो आप पहले कुछ महीनों के चार्ट को बैक टेस्टिंग करें। और अपनी आंखें ट्रेन करें उसके बाद पेपर ट्रेड करें। आप फिर अपने फाइनेंशियल एडवाइजर से सराहा लेकर अपना रियल पैसे से ट्रेड करें।

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दोस्तों मेरा नाम सोनू है दिल्ली में रहता हूँ Stock Market में काफी ज्यादा रुचि रखता हूं और कई सालों का अनुभव है काफी सालो से स्टॉक मार्किट में इंट्राडे ट्रेडिंग और स्टॉक में इन्वेस्ट करना सिख रखा हु, और मुझे लेकिन खाली समय में लिखना भी पसंद है इसीलिए मैं ब्लॉग के माध्यम से अपने विचारो को आप के साथ साझा करता हु।

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