डब्लू पैटर्न इंट्राडे स्टेटर्जी। | W Pattern Intraday Strategy In Hindi
इस पोस्ट में आप जानेंगे
डब्लू (W) पैटर्न एक रिवर्सल पैटर्न है। यह पैटर्न नीचे बनता है या इसे ऐसे समझ सकते हैं जब मार्केट नीचे गिर रही हो कुछ दिनों से और यह डब्लू पैटर्न बनता है। तो फिर
काफी अच्छा अप्पर साइड का मोमेंटम होता है। और यह पैटर्न में मार्केट तेजी से अपने आप को (Recover) रिकवर करती है। जिससे इंट्राडे ट्रेडिंग में काफी अच्छा मुनाफा होता है।
डब्लू पैटर्न के फायदे क्या है। | Advantages of the W pattern?
डब्लू (W) पैटर्न ऐसा पैटर्न है। आप अगर यह पैटर्न को अच्छे से पहचान लेते हैं तो आपको अच्छा प्रॉफिट मिलता है। और आपकी (Accuracy) एक्यूरेसी 80% से ज्यादा होता है। और आपको प्रॉफिट काफी बड़ा मिलता है।
हां लेकिन आपको अगर मार्केट में अनुभव नहीं है तो आपको थोड़ा सा डब्लू (W) पैटर्न सीखने में दिक्कत आ सकती है। या फिर आपको ज्यादा प्रैक्टिस की आवश्यकता पड़ेगी।
डब्लू पैटर्न आपको इंट्राडे में रोज देखने को नहीं मिलेगा। आपको एक हफ्ते में एक या दो बार ही मिलेगा मगर दोस्तों यह पैटर्न इतने पावरफुल होते हैं। कि इनकी एक्यूरेसी और इस पैटर्न पर ट्रेड लिया हुआ। प्रॉफिट काफी ज्यादा बड़ा होता है।
आपको अगर स्टॉप लॉस लगाना आता है। या फिर अपने स्टॉप लॉस को ट्रेल करना आता है तो आप डब्लू पैटर्न से बड़ा प्रॉफिट कमा सकते हैं। गबराये नहीं आप स्टॉप लॉस या ट्रेल करना नहीं आता है तो आप को इसी सिखाया गया है।
डब्लू पैटर्न का मिथ | Perception of the W Pattern?
बहुत सारे लोग कहते हैं कि डब्लू (W) पैटर्न (double bottom) डबल बॉटम जैसा दिखता है नहीं दोस्तों डब्लू पैटर्न डबल बॉटम जैसा नहीं दिखता है। हा आप कुछ चीजें इसमें सेम दिख सकता है। मगर डब्लू पैटर्न और डबल बॉटम अलग-अलग पैर्टन है।
कुछ लोग कहते हैं कि डब्लू पैटर्न का स्टॉप लॉस बड़ा होता है। ऐसा नहीं है क्योंकि आपको अगर फॉल्स डब्लू पैटर्न और रियल डब्लू पैटर्न के ब्रेक आउट का अंतर पता है। तो आप स्टॉप लॉस को छोटा कर सकते हैं और डब्लू पाटन का स्टॉप लॉस छोटा लगा सकते हैं।
दोस्तों सबसे बड़ा मिथ यह भी है की डब्लू पैटर्न में (false signal) फ़ोल्स सिग्नल ज्यादा मिलता है। दरअसल यह सच तो है। कोई लोग गलत (time frame) टाइम फ्रेम सलेक्ट कर लेते हैं। जिसके कारण उनको फ़ोल्स सिग्नल मिलता है।
अन्य पड़े’
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डब्लू पैटर्न का सीक्रेट क्या है। | what is the secret of w pattern?
डब्लू पैटर्न में टाइम फ्रेम कौन सा उपयोग करना चाहिए?
आपको 10 मिनट और 15 मिनट का टाइम फ्रेम यूज़ करना है। सिर्फ 10 मिनट सबसे नीचे वाले टाइम प्रेम यूज़ नहीं करे। और 15 मिनट से ऊपर वाले टाइम फ्रेम यूज़ नहीं करना है। टाइम फ्रेम बहुत ज्यादा इंपोर्टेंट होता है। इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए इसका ध्यान रखें हमेशा सही टाइम फ्रेम का उपयोग करें।
डब्लू पैटर्न का सीक्रेट क्या है?
मार्केट नीचे आ रही है और उसके बाद दो ग्रीन कैंडल ऊपर की तरफ बना उसके बाद नीचे कुछ कैंडल बना उसके बाद उस दोनों ग्रीन कैंडल का ब्रेक आउट होने के बाद कैंडल क्लोज होने पर आपको ट्रेड करना है। नीचे दिए गए फोटो में देखो। दो ग्रीन कैंडल कौन सा देखना है। आपको दो ग्रीन कैंडल का ध्यान रखना है और यह सीक्रेट है।
फॉल्स ब्रेकआउट से कैसे बचें?
दोस्तों आपको जब डब्लू पैटर्न बनता हुआ दिखे और आपका टाइम फ्रेम भी सही है। और दो ग्रीन कैंडल बनने के बाद यह डब्लू पैटर्न बन रहा है। तो आपको कैंडल क्लोज होने के बाद ही ट्रेड करना है। ध्यान रहे कैंडल क्लोज होने बहुत जरूरी है। वरना आप एक बड़े लॉस में आ सकते हो कैंडल क्लोज होने के बाद ट्रेड करते हो। तो आप हमेशा फॉल्स ब्रेक आउट से बचे रहोगे।
डब्लू पैटर्न में स्टॉप लॉस कैसे छोटा करें?
आपको डब्लू पैटर्न में फाइटिंग कैंडल के नीचे स्टॉप लॉस लगाना है। फाइटिंग कैंडल उसे कहते हैं जिसने डब्लू पैटर्न का ब्रेक आउट क्या है। और वह कैंडल ऊपर क्लोज हो गया है। आप उसके नीचे अपना स्टॉपलॉस लगा सकते हैं जिस कैंडल पर आपने ट्रेड लिया है कैंडल क्लोज होने के बाद उसी कैंडल के नीचे आप अपना स्टॉप लॉस लगाएं। ताकि आपका स्टॉप लॉस छोटा रहे। और आपका प्रॉफिट बढ़ा रहे हैं। आप फोटो में स्टॉप लॉस बताया हुआ है आप देख सकते हैं।
डब्लू पैटर्न में टारगेट कैसे लगाएं?
मैं आपको एक राज बताता हूं आप पिछले दिन का जो हाई है उसका टारगेट रख सकते हैं। जैसे कि मुझे आज ट्रेड करना है और मैं कल के दिन का जो हाई होगा उसका टारगेट रखूंगा। यह बहुत अच्छा काम करता है ध्यान रहे कि पिछले दिन का हाई और लो हमेशा सपोर्ट और रजिस्टेंस का काम करता है।
अंतिम शब्द;
आप सोच रहे होंगे। जब यह स्टेटर्ज इतना पावरफुल है तो मैं अपना सारा पैसा लगा दूं। और 1 दिन में करोड़पति या लखपती बन जाऊ ऐसा मत करना क्योंकि इसमें स्टॉप लॉस भी होता। नीचे दिए गए फोटो में देखें।
दोस्तों कितना भी अच्छा क्यों ना ट्रेड दिखे। आपको अपना मनी मैनेजमेंट फॉलो करें। और स्टार्टिंग में कम कैपिटल से ट्रेड करें। डब्लू पैटर्न उपयोग करने से पहले आप पिछले 6 महीने तक चार्ट पर बेक टेस्टिंग करें। ताकी आपकी प्रैक्टिस हो सके तभी ट्रेड करें।
रेगुलर हफ्ते में एक बार 3 महीने का बैक टेस्टिंग करते रहे। ताकि आपका विनिंग लेट अच्छा हो सके। और प्रैक्टिस लगातार चलती रहे। बिना प्रैक्टिस के परफेक्ट नहीं बना जा सकता है। यह बात आपको ध्यान रखनी पड़ेगी आशा करता हूं कि आपको आर्टिकल काफी ज्यादा हेल्प मिला है।
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