शेयर मार्केट में चार्ट को समझने के लिए आपको टेक्निकल एनालिसिस आना चाहिए। शेयर मार्किट चार्ट कैसे समझे पीडीएफ डाउनलोड इन हिंदी अब दोस्तों टेक्निकल एनालाइज क्या होता है। इसको समझते हैं टेक्निकल एनालाइज में हम सीखते हैं कि ट्रैन लाइन क्या होता है।
सपोर्ट रेसिस्टेन्स क्या होता है चार्ट पेटर्न क्या होता है। कैंडलस्टिक क्या होता है यह सारे जानकारी को टेक्निकल एनालिसिस कहते हैं। और इसको अप्लाई करके हम शेयर मार्केट में चार्ट को समझने की कोशिश करते हैं कि शेयर बाजार कहां जा सकता है।
Content of table
शेयर मार्किट चार्ट कैसे समझे?
यह सारी जानकारी आपको इस आर्टिकल में मिलेगा। और आप इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद काफी हद तक चार्ट रीडिंग सीख सकते हो। आपको पता चल जाएगा कि शेयर मार्किट चार्ट को कैसे समझते हैं।
और इसको इस नजरिए से देखा जाता है। या डाउन ट्रेंड है या उप ट्रेंड है या रेवेर्सल हो रहा है आप यह पता लगा सकते हैं चलिए आइए शुरू करते हैं। पीडीएफ डाउनलोड आप थोड़ा निचे स्क्रॉल कर के Pdf लिंक मिल जायेगा आप वह से डाउनलोड कर सकते हो।
कैंडलस्टिक क्या होता है? आइये इसको समझते हैं
जैसा कि आप देख रहे हैं कि यह चार्ट बैंक निफ्टी का है और इसमें बहुत सारे ग्रीन और ग्रीन बने हैं इस कैंडल का मतलब क्या होता है। आइये इसको विस्तार से समझते हैं।
कैंडल में ओपन . हाइ. लॉ . क्लौस होता है इससे पता चलता है की बेरिश है या बुलिश निचे फोटो से आप कैंडलस्टिक को समझ सकते है, लाल केंडल बना है तो प्राइस नीचे आ रहा है और हरा केंडल बन रहा है तो प्राइस ऊपर जा रहा है।
कैंडलस्टिक में विग-साइड किसे कहते है? आइये इसको समझते हैं
दोस्तों कैंडलस्टिक जब बन रहा होता है तो प्राइस पहले ऊपर या निचे जाता है उसके बाद कंडेल क्लौश हो जाता है तो कंडेल में डंडी बनती है उसी को विग या सेडो कहते है। निचे दिए गए पोटो में देख कर समझ सकते है।
कैंडलस्टिक में बॉडी क्या होता है? इसको समझते है।
कैंडलस्टिक जब बनता है और क्लॉश हो जाता है तो लाल और हरे रंग का केंडल दीखता है उसे ही बॉडी बोलते है टेक्निकल भाषा में।
कैंडलेस्टिक क्या होता है आप समझ गए होंगे बुलिश और बेरिश कैंडलेस्टिक कौन-कौन सा होता है इसे समझते है।
बेस्ट कैंडलेस्टिक कौन से है और कितने होते है?
वैसे तो कैंडलेस्टिक 600 से ज्यादा होते हैं लेकिन यह सारे कैंडल स्टिक काम नहीं करते हैं। बेस्ट कैंडल स्टिक कुछ ही होते हैं जिन्हें आप यह वीडियो देखकर जान सकते हैं क्योंकि आर्टिकल में इसको समझाना थोड़ा मुश्किल है।
आप यह वीडियो देखें और अच्छे से समझे की बेस्ट कैंडलेस्टिक कौन से होते हैं। और इन को कैसे इस्तेमाल किया जाता है यह वीडियो पुष्कर राज ठाकुर यूटुब चैनल की है। और आप को सारे कैंडलेस्टिक को जानना है तो आप यह आर्टिक्ल पड़ सकते है (सभी कैंडलस्टिक पैटर्न पीडीएफ हिंदी में)
कैंडलस्टिक चार्ट पैटर्न क्या होता हैं और कितने प्रकार के होते है कैंडलेस्टिक चार्ट पेटर्न को कैसे इस्तेमाल करते है। एक-एक कर के इसको समझते है।
कैंडलेस्टिक चार्ट पेटर्न क्या होता हैं?
दोस्तों आप कैंडलेस्टिक तो समझ ही गए हो, अब कैंडलेस्टिक पेटर्न क्या होता है इसको विस्तार से समझते हैं कैंडलेस्टिक चार्ट पेटर्न ब्लूस पैटर्न और बेरिस पैटर्न होता है इसको मार्केट का डायरेक्शन पता लगाने के लिए क्या जाता है। जैसे कि डब्लू पैटर्न बनता है तब मार्केट ऊपर जाता है।
और एम पैटर्न बनता है तो मार्केट नीचे आता है इसी तरह बहुत सारे पैटर्न है लेकिन कुछ पैटर्न अच्छे से काम नहीं करते हैं और कुछ पैटर्न काफी अच्छे से काम करते हैं इसको आगे समझे गए।
कैंडलेस्टिक चार्ट पेटर्न कितने प्रकार के होते हैं?
दोस्तों वैसे तो अनगिनत चार्ट पेटर्न हो सकते हैं। और आप खुद से चार्ट पेटर्न बना सकते हैं लेकिन कुछ चार्ट पेटर्न है जो ज्यादातर काम आते हैं उनके नाम निम्नलिखित हैं। आप इन्हें पढ़ सकते हैं और सीख सकते हैं
- ट्रेंड पैटर्न्स (Trend Patterns)
- एस्केलेटिंग ट्रायंगल (Ascending Triangle)
- डेसेंडिंग ट्रायंगल (Descending Triangle)
- संयुक्त त्रायंगल (Symmetrical Triangle)
- हेड एंड शोल्डर्स (Head and Shoulders)
- इंवर्टेड हेड एंड शोल्डर्स (Inverse Head and Shoulders)
- प्रतिवर्ती पैटर्न्स (Reversal Patterns)
- डबल टॉप (Double Top)
- डबल बॉटम (Double Bottom)
- ट्रिपल टॉप (Triple Top)
- ट्रिपल बॉटम (Triple Bottom)
- वेड्ज (Wedge)
- प्रांतीय पैटर्न्स (Continuation Patterns)
- कुपचार्य (Cup and Handle)
- फ्लैग (Flag)
- पेनेंट (Pennant)
- संघटित झंडा (Consolidation Flag)
- संघटित झंडा (Continuation Flag)
- इंद्रधनुष पैटर्न्स (Indecision Patterns)
- स्पिनिंग टॉप (Spinning Top)
- डोजी (Doji)
- हरमी (Harami)
- तीन अधिकारियों (Three Inside Up/Down)
- तीन सफेद सैनिकों (Three White Soldiers)/तीन काले सैनिकों (Three Black Crows)
यह केवल कुछ प्रमुख चार्ट पैटर्न्स के उदाहरण हैं और अन्य भी चार्ट पैटर्न्स उपलब्ध हैं जो ट्रेडर्स द्वारा देखे जाते हैं। प्रत्येक पैटर्न का उपयोग मूल्य चाल की संकेत देने और व्यापार निर्णय लेने में मदद करने के लिए किया जाता है।
बेस्ट कैंडलेस्टिक चार्ट पैटर्न कौन से हैं?
ज्यादातर तीन तरह के चार्ट पैटर्न का इस्तेमाल किया जाता है। विस्तार से सीखने के लिए नीचे दिए गए वीडियो को जरूर देखें स्टॉक शब्दकोश यूटुब चैनल की है।
इस आर्टिकल में आपको पूरा टेक्निकल एनालाइज सिखाया गया है और शेयर मार्केट के चार्ट को कैसे समझें यह भी बताया गया है इस आर्टिकल को पूरा जरूर पढ़ें।
- रिवर्सल चार्ट पेटर्न(Reversal Chart Pattern)
- कंटिन्यूएशन चार्ट पेटर्न(Continuation Chart Pattern)
- न्यूट्रल चार्ट पेटर्न(Neutral Chart Pattern)
दोस्तों और रिवर्सल चार्ट पैटर्न अलग होता है इसके अंदर भी बहुत सारे चार्ट पेटर्न बनते हैं कंटिन्यूएशन चार्ट पेटर्न अलग होते हैं और इसमें भी कई तरहे से चार्ट पेटर्न बनते हैं।
न्यूट्रल चार्ट पेटर्न अलग होते हैं यह भी कई तरह से बनते हैं इनको विस्तार से समझने के लिए आप यह वीडियो जरूर देखें और इस आर्टिकल को सेव करके या किसी को शेयर कर दें ताकि आप दोबारा से इस लिंक पर आकर इस आर्टिकल को पढ़ सके आपके पास समय नहीं है तो अभी।
दोस्तों अब जानते हैं कि ट्रेंड लाइन क्या होता है ट्रेंड लाइन के बेस पर ट्रेड कैसे लिया जाता है। और ट्रेंड लाइन की मदद से Share market का दिशा कैसे पता कर सकते है।
और आप ट्रेंड है या डाउन ट्रेंड है इसका कैसे पता करे यह जानकारी अब समझने वाले है, पहले जानते है की ट्रेंड कितने प्रकार के होते है।
शेयर मार्किट ट्रेंड कितने प्रकार के होते है।
शेयर मार्केट ट्रेंड कई प्रकार के होते हैं। यह ट्रेंड शेयर मार्केट के प्राइस और बाजार की चाल के आधार पर प्राप्त किए जाते हैं और मेजोर 4 प्रकार के ट्रेंड होते है।
- उच्चतम ट्रेंड (Uptrend)
- निचला ट्रेंड (Downtrend)
- संघटक ट्रेंड (Sideways or Range-bound Trend)
- वोलेटाइल ट्रेंड (Volatility Trend)
उच्चतम ट्रेंड (Uptrend): जब शेयर मार्केट का मूल्य लो फिर हाई ,फिर लो फिर हाई बनता है तो उसे उच्चतम ट्रेंड माना जाता है इससे यह जानकारी प्राप्त होती है। की बाजार अभी भी उच्चतम ट्रेंड में है।
निचला ट्रेंड (Downtrend): जब शेयर मार्केट का मूल्य हाई फिर लो ,फिर हाई फिर लो बनता है तो उसे निचला ट्रेंड माना जाता है। इससे यह जानकारी प्राप्त होती है। की बाजार अभी भी निचला ट्रेंड में है।
संघटक ट्रेंड (Sideways or Range-bound Trend): जब शेयर मार्केट के मूल्यों में कोई निर्णयक गतिविधि नहीं होती है और मूल्य एक सीमित सीधी रेंज में घूमता है, तो वह एक संघटक ट्रेंड (Sideways or Range-bound Trend) कहलाता है।
वोलेटाइल ट्रेंड (Volatility Trend): जब शेयर मार्केट में अधिक मात्रा में मूल्य उतार-चढ़ाव होता है और बाजार की स्थिति अस्थिर रहती है, तो वह एक वोलेटाइल ट्रेंड कहलाता है। इस ट्रेंड में विपरीत दिशा में बदलाव हो सकता है, जिससे ट्रेडर को मूल्य के छोटे-बड़े उतार-चढ़ाव के साथ सावधान रहना चाहिए।
यह चारों ट्रेंड का कैसे पता कर सकते है और आप इसका कैसे फायदा या प्रॉफिट कर सकते हो। इसको समझते है।
उच्चतम ट्रेंड (Uptrend) का कैसे पता लगाएं और कैसे प्रॉफिट करे।
Share market के अप ट्रेंड में प्रॉफिट करने के लिए आप को हायर लो और हायर हाई बनता हुआ दिख रहा हो तो हायर लो और हायर हाई को जोड़ कर एक ट्रेंड लाइन बना सकते हो। दोबारा से उसी ट्रेंड लाइन पर प्राइस आता है।
और कोई बुलिस केंडल बनता है तो वहा पर पोजीशन बनाया जा सकता है। जैसे की आप फोटो में देख सकते हो।
ध्यान दे आप को अप ट्रेंड को ड्रॉ करने के लिए कामसेकम दो हायर लो को ड्रॉ करना पड़ता है। ज्यादा से ज्यादा कितना भी हो सकता है।
निचला ट्रेंड (गिरावट) का कैसे पता लगाएं और कैसे प्रॉफिट करे।
शेयर मार्किट के डाउन ट्रेंड में प्रॉफिट करने के लिए आप को लोअर हाई और लोअर लो बनता हुआ दिख रहा हो तो लोअर हाई और लोअर लो को जोड़ कर एक ट्रेंड लाइन बना सकते हो। दोबारा से उसी ट्रेंड लाइन पर प्राइस आता है।
और कोई बेरिश केंडल बनता है तो वहा पर पोजीशन बनाया जा सकता है। जैसे की आप फोटो में देख सकते हो।
ध्यान दे आप को डाउन ट्रेंड को ड्रॉ करने के लिए कामसेकम दो लोवर हाई को ड्रॉ करना पड़ता है। ज्यादा से ज्यादा कितना भी हो सकता है।
शेयर मार्किट चार्ट कैसे समझे Pdf Download link
नोटिस”
आपके लॉस या प्रॉफिट से हमारा कोई लेना देना नहीं है यह आर्टिकल केवल आपकी हेल्प एजुकेशन पर्पस के लिए है।
अंतिम शब्द” शेयर मार्किट चार्ट कैसे समझे Pdf
दोस्तों आशा करता हूं कि यह आर्टिकल पढ़ कर शेयर मार्केट चार्ट को समझने में अब आपको दिक्कत नहीं होगा। और कोई भी पोजीशन बनाने से पहले
आप यह ट्रेन लाइन की स्टेटर्ज पर प्रैक्टिस करें दो-चार महीने और बैक टेस्ट करें कम से कम 100 ट्रेड अलग-अलग स्टॉक और इंडेक्स पर उसके बाद ही आप डिसीजन ले कि आपको क्या करना है ट्रेड लेना है।
या नहीं आपको किस और चीज में परेशानी हो रही है हमें बताएं हम उस पर आर्टिकल जरूर लिखेंगे। और आपकी हेल्प करेंगे यह आर्टिकल अपने रिलेटिव या अपने दोस्तों जरूर शेयर करें धन्यवाद।