इक्विटी का हिंदी मतलब में होता है। किसी कंपनी में शेयर खरीदते है तो उसी शेयर को इक्विटी कहते है यानि आप इक्विटी खरीद रहे है। हर कम्पनी को बिज़्नेस बढ़ाने के लिए पेसो की जरूरत होती है तो वह कंपनी आईपीओ निकलती है। और बहुत सरे लोग उस आईपीओ को खरीदती है कंपनी में पैसे निवेश करने के लिए।
उदाहरण abc कंपनी है और उसका 100% इक्विटी उसके ऑनर के पास है तो उसे 10 लाख रूपये की जरूरत है तो यह अपनी कंपनी के 50% इक्विटी लोगो के लिए बेचती है तो माना की आप ने abc कंपनी के 10% शेयर खरीद लिए और 40% और लोगो के लिए है। 50% कंपनी के ऑनर के पास है और 10% इक्विटी के मालिक आप है।
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इक्विटी कितने प्रकार के होते है?
दोस्तों इक्विटी पांच प्रकार के होते हैं उनके बारे में विस्तार से जानकारी चाहिए तो कमेंट करके जरूर बताएं इनके नाम यह है
- सामान्य शेयर
- अधिमान्य शेयर
- अधिशेष योगदान दिया
- प्रतिधारित कमाई
- ट्रेजरी स्टॉक
इक्विटी और डेट में क्या अंतर होता है?
कोई भी ऑनर जब इन्वेस्टरों से पैसा लेता है कंपनी का बिज़्नेस बढ़ाने के लिए तो वह दो प्रकार के पैसे होते हैं। इक्विटी और डेट इक्विटी का मतलब होता है इन्वेस्टर को अपने कंपनी का हिस्सेदारी दे कर इन्वेस्टर पैसा लेना।
और यह पैसा ऑनर को वापिस नहीं करना होता है। डेट का मतलब होता है किसी से लोन लेना यह लोन का बियाज भी देना पड़ता है। और निर्धारित किए गए समय पर कंपनी के ओनर को पैसा वापिस भी करना होता है।
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कंपनी में Equity कितने लोगों की हो सकती है?
कंपनी का इक्विटी 2 लोगों के पास होता है कंपनी के शेयर ओल्डरो के पास होता है। दूसरा कंपनी के प्रमोटर्स के पास होते हैं। कंपनी के शेयर होल्डर वह होते हैं जिन्होंने कंपनी के शेयर खरीदे हुए हैं।
और प्रमोटर्स वह लोग होते हैं जिन्होंने कंपनी को शुरू करते हैं और कंपनी को शुरू करने के लिए जो पैसा लगता है उसे इक्विटी कैपिटल कहते हैं।
इक्विटी के बारे में बहुत ज्यादा पूछे जाने वाले प्रश्न – उत्तर ?
इक्विटी में ट्रेडिंग कैसे करे।
इक्विटी में इंट्राडे ट्रेडिंग करने के लिए आपको डिमैट अकाउंट की जरूरत पड़ती है। जो आप कुछ मिनट में खुलवा सकते हैं और आज के समय में नंबर वन ब्रोकर है zerodha में डिमैट अकाउंट खुलवा कर इक्विटी में इंट्राडे ट्रेडिंग कर सकते हैं बिना किसी दिक्कत के।
इक्विटी ट्रेडिंग किसे कहते हैं? Intraday Trading in Hindi
क्विटी ट्रेडिंग उसे कहते हैं जब आप किसी कंपनी के शेयर को खरीदते हैं। और उसे कुछ समय के लिए ओल्ड करते हैं शेयर का प्राइस बढ़ने पर आप उसे बेचकर अपना प्रॉफिट बुक कर लेते हैं। इसे इक्विटी ट्रेडिंग कहते हैं इक्विटी ट्रेडिंग में कुछ सेगमेंट होते हैं। जैसे कि
इंट्राडे ट्रेडिंग
स्विंग ट्रेडिंग
लोंग टर्म ट्रेडिंग
इंट्राडे ट्रेडिंग का मतलब होता है जिस दिन आप शेयर खरीदते हैं। उसी दिन आप शेयर बेच देते हैं अपना प्रोफेट ये लोस बुक करके इंट्राडे ट्रेडिंग में आपको मार्जन मिल जाता है। जिससे कि आपका बहुत अच्छा प्रॉफिट बनता है। अगर आपको टेक्निकल एनालाइज आता है तो आप इंट्राडे ट्रेडिंग आसानी से कर सकते है आप टेक्निकल एनालाइज सीख भी सकते हैं।
स्वीट ट्रेडिंग का मतलब होता है आप कम से कम 2 दिन से लेकर 3 महीने तक शेयर को होल्ड करते हैं। उसे सुन ट्रेडिंग कहते हैं इसमें आपको मार्जन नहीं मिलता है लेकिन कोई-कोई ब्रोकर आपको मार्जन दे देता है। स्विंग ट्रेडिंग करने के लिए आपको थोड़ा बहुत फंडामेंटल एनालाइज करना आना चाहिए और टेक्निकल एनालाइज भी आपको आना चाहिए।
लोंग टर्म ट्रेडिंग इसमें आपको बिल्कुल भी मार्जिन नहीं मिलता है। और यह 3 महीने से लेकर 1 साल या उससे भी अधिक जब आप किसी शेयर को होल्ड करते हैं तो उसे लोंग टर्म ट्रेडिंग कहते हैं यह करने के लिए आपको थोड़ा बहुत टाइम टेक्निकल एनालाइज आना चाहिए। और फंडामेंटल भी आना चाहिए। इसमें फंडामेंटल की ज्यादा आवश्यकता होती है।
डिलीवरी ट्रेडिंग क्या है? Derivatives Meaning in Hindi
किसी भी शेयर को जब आप खरीदते हैं बिना किसी मार्जन के और उसे आप 1 दिन से ज्यादा होल्ड करते हैं। तो उसे डिलीवरी ट्रेडिंग कहते हैं डिलीवरी ट्रेडिंग में आप कितने भी समय तक होल्ड कर सकते हैं। जैसे कि 2 साल 5 साल 10 साल 15 साल 20 साल कितने भी सालों के लिए आप ओल्ड कर सकते हैं। और आप कभी भी अपना प्रॉफिट बुक कर सकते हैं।
फ्यूचर ट्रेडिंग क्या है? Future Trading in Hindi
जिस कंपनी का वैल्यूएशन अच्छा होता है उसमें फ्यूचर का ऑप्सन मिल जाता है। बहुत सारे इनवर्टर और ट्रेडर फ्यूचर ट्रेड करते हैं फ्यूचर एक कॉन्ट्रेक्ट होता है। यह कॉन्ट्रेक्ट हर महीने एक्सपायर हो जाता है और फिर नए फ्यूचर में ट्रेड या फिर इन्वेस्ट कर सकते हैं। फ्यूचर में अच्छा मार्जन मिलता है जिस वजह से इन्वेस्टर और ट्रेडर इसमें निवेश करते हैं और अच्छी कमाई करते हैं फ्यूचर ट्रेडिंग आप किसी भी ब्रोकर के डिमैट अकाउंट में कर सकते हैं।
ऑप्शन ट्रेडिंग क्या है? Option Trading in Hindi
ऑप्सन ट्रेडिंग आप स्टॉक का इंडेक्स में कर सकते है। लोग ज्यादा तर निफ़्टी 50 या निफ़्टी बैंक में ऑप्सन ट्रेडिंग करते है। ऑप्सन में पुट और कॉल ( PE and CE ) होता है। मैन लिजिये की । रीसर्च के अनुसार बैंक निफ़्टी नीचे जाएगी। तो आप को कॉल (CE) को नही खरीदना है। आप को पुट (PE) खरीदना है। और जब रिसर्च के अनुसार लगे कि बैंक निफ़्टी ऊपर जाएगी तब आप को कॉल (CE) खरीदना है। फिर आप को स्टॉपलॉस या टारगेट आने पर बेच देना है।
आखिरी शब्द
दोस्तों आशा करता हूं कि इक्विटी क्या होता है यह आपको मैं समझा पाया हूं अच्छे से कोई भी परेशानी या कोई डाउट हो इस आर्टिकल से रिलेटेड या आप किसी और टॉपिक पर आर्टिकल चाहते हैं। तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं हम आपका कमेंट पढ़ते हैं।
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