ट्रेडिंग क्या है, नए लोग ट्रेडिंग कैसे सीखें? (Trading Meaning in Hindi)

आजकल बहुत से लोग ट्रेडिंग से प्रभावित हो रहे हैं। क्योंकि बहुत से प्लेटफार्म पर बड़े-बड़े प्रॉफिट के स्क्रीनशॉट देखने को मिलते हैं। क्या यह Trading करना सही है क्या एक इन्वेस्टर ट्रेडिंग कर सकता है। या फिर कोई अन्य व्यक्ति ट्रेडिंग कर सकता है। एक आम व्यक्ति सफल ट्रेडर कैसे बन सकता है क्या आपको ट्रेडिंग करना चाहिए और आदि। आइए आज इन सब बातों पर चर्चा करेंगे विस्तार से यह सारी जानकारी आपको इस लेख में मिलेगा।

ट्रेडिंग क्या है?

दोस्तो ट्रेडिंग व्यापार हैं। इसे आप सिख कर सकते हैं इसमें मनी मैनेजमेंट बहुत ज्यादा अच्छा होना चाहिए। ट्रेडिंग आप स्टॉक्स, इंडेक्स (फ्यूचर और ऑप्शन), क्रिप्टो करेंसी, फॉरेक्स मार्केट, कमोडिटी मार्केट, सभी में आप ट्रेडिंग करके अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।

लेकिन आपको इंडियन मार्केट से शुरू करना चाहिए और धीरे-धीरे आपको और जगह शिफ्ट हो सकते हैं क्योंकि आपको भारतीय कल्चर पता है आप आसानी से यहां के स्टॉक्स में या फिर इंडेक्स में ट्रेड कर सकते हैं

और ट्रेडिंग सीखने में आपको ज्यादा मुश्किल नहीं आएगी। शुरुआत मे दोस्तो ट्रेडिंग तीन प्रकार की होती हैं आइए जानते हैं पहला इंट्राडे ट्रेडिंग दूसरा स्विंग ट्रेडिंग, स्काल्पिंग ट्रेडिंग, इसको विस्तार से समझते हैं।

इंट्राडे ट्रेडिंग क्या है।

इंट्राडे ट्रेडिंग का मतलब होता है आप जिस सेगमेंट में इंट्राडे ट्रेडिंग कर रहे हैं। उसे आप आज ही खरीदेंगे और आज ही बेच देंगे। मार्केट बंद होने से पहले उसे इंट्राडे ट्रेडिंग कहते हैं और इसमें आप एक ट्रेड से ज्यादा नहीं कर सकते हैं।

यह इंट्राडे ट्रेडिंग कहलाता है इसमें आपको एक रणनीति बनानी होती है। जिसे हम टेक्निकल एनालाइज भी कहते हैं आपको सीखना पड़ता है इसको सीखने के बाद आपको एक अपनी रणनीति बनानी होती हैं।

इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए और फिर आपका लॉस और प्रॉफिट दोनों डिसाइड होता है। आप प्रॉफिट को ट्रेल करके और प्रॉफिट बढ़ा सकते हैं लेकिन आपको लॉस कम से कम रखना चाहिए ट्रेडिंग में सफल होने के लिए।

स्विंग ट्रेडिंग क्या है।

स्विंग ट्रेडिंग का मतलब होता है आप अपनी पोजीशन को पहले दिन से लेकर 7 दिन या फिर 15 दिन तक होल्ड करते हैं। जब आप का टारगेट आ जाता है फिर आप अपना प्रॉफिट बुक कर लेते हैं।

आपको इसमें टेक्निकल एनालाइज सीखना होता है और थोड़ा बहुत फंडामेंटल एनालाइज भी सीखना होता है। इन दोनों का कॉन्बिनेशन बनाकर आप सुन ट्रेडिंग कर सकते हैं। सुन ट्रेडिंग आप किसी भी सिग्मेंट में आसानी से कर सकते हैं।

स्काल्पिंग ट्रेडिंग क्या है।

दोस्तों स्केलिंग ट्रेडिंग एक इंट्राडे ट्रेडिंग का ही दूसरा रूप है। इसमें आप 1 दिन में कई ट्रेड लेते हैं आप किसी भी सेगमेंट में ट्रेडिंग कर रहे हो। इसमें चार्ट के हिसाब से आपका टारगेट और स्टॉपलॉस छोटा होता है आपको इसमें फास्ट मोमेंटम चाहिए होता है।

जिससे कि आप आसानी से कम समय में अपना प्रॉफिट लेकर निकल सके। मार्केट में स्केलिंग ट्रेडिंग पोजीशन लेने के बाद डिसाइड किया हुआ। टारगेट या स्टॉप लॉस होने के बाद आप एग्जिट कर देते हैं। तुरंत ही उसे स्कैलोपिंग ट्रेडिंग कहते हैं।

इसमें आपको काफी ज्यादा टेक्निकल एनालाइज की जरूरत होता है आपको मास्टर करना होगा। इसमें प्रॉफिट काफी बड़ा होता है लेकिन पहले इंट्राडे ट्रेडिंग करें उसके बाद आप स्केलिंग ट्रेडिंग में शिफ्ट हो सकते हैं क्योकि इसमें काफी ज्यादा अनुभव की जरूरत होती है।

क्या ट्रेडिंग जुआ है?

ट्रेडिंग जुआ नहीं हार्डकोर बिजनेस है जिसे बिना सीखे नहीं करना चाहिए क्योंकि इसमें आपका सीखा पैसा निवेश होता है और आपकी साइकोलॉजी काफी ज्यादा इफेक्ट होती हैं। लेकिन अगर आप सीख जाते हैं तो आपके लिए यह सारी चीजें आसान हो जाती हैं

आप अपने पैसे को मैनेज कर के ट्रेड करते है फिर इसे उदाहरण से समझे ते है मान लेते हैं कि आप बिना सीखे कार चला रहे हैं तो आपका क्या होगा। एक्सीडेंट होने चांस बढ़ जाता है। अगर आप वही सीख कर कार चलाते हैं तो कार चलने के सरे नियम पता होता है

फिर एक्सीडेंट होने का चांस काफी ज्यादा कम हो जाता है। वैसे ही ट्रेडिंग है ट्रेडिंग अगर सिख करते हैं तो आप सक्सेसफुल ट्रेडर बन सकते हैं। अगर आप ट्रेडिंग बिना सीखे करते तो इसमें अपना पैसा लॉस हो सकता है इसीलिए ट्रेडिंग सीख कर ही करना चाहिए।

ट्रेडिंग और इन्वेस्टिंग में क्या अंतर है?

ट्रेडिंग और इन्वेस्टिंग में जमीन आसमान का अंतर है क्योंकि इन्वेस्टिंग में आप स्टोक्स के फंडामेंटल और उसका बैलेंस शीट को रिसर्च कर के अपनी पोजीशन बनाते है। लेकिन ट्रेडिंग में टेक्निकल एनालाइज सीखना पड़ता है। टेक्निकल एनालाइज के आधार का रिसर्च करना होता है ट्रेडिंग में फंडामेंटल एनालिसिस का कोई जरूरत नहीं होता

और इन्वेस्टिंग में टेक्निकल एनालाइज का कोई जरूरत नहीं होता। आप इन्वेस्टिंग में बिना टेक्निकल एनालाइज करें अपनी पोजीशन बना सकते हैं क्योंकि स्टोक्स में लम्बे समय के लिए अपनी पोजीशन को होल्ड करते हैं।

टेक्निकल एनालाइज के बेस पर हम कोई भी स्टॉक नहीं खरीद सकते हैं आपको फंडामेंटल देखना पड़ता है और ट्रेडिंग में हमें शॉर्ट टर्म पोजीशन बनाना होता है ट्रेडिंग में ज्यादा प्रॉफिट इसलिए होता है।

क्योंकि इसमें मार्जन मिल जाता है या फिर इसे लेवरेज भी कह सकते हैं और इन्वेस्टिंग में मार्जन या लेवरेज नहीं मिलता है इन्वेस्टिंग में बड़ा कैपिटल का उपयोग करना पड़ता है। लेकिन ट्रेडिंग में स्मॉल कैपिटल से भी कर सकते हैं और काफी अच्छा प्रॉफिट मिलता है।

नए लोगो के लिए कोन सा बेस्ट ट्रेडिंग डीमेट है?

नए लोगों के लिए सबसे अच्छा डिमैट अकाउंट mStock है क्योंकि आपका शुरुआत में लॉस होगा जोकि जाहिर सी बात है। इसीलिए अगर आप किसी अन्य ब्रोकर में खता खुलवाते है तो उसमें आपको ब्रोकरेज पीस देना पड़ता है।

लेकिन mStock में ऐसा नहीं है mStock में बिना ब्रोकरेज दिए आप ट्रेडिंग कर सकते हैं कम से कम ब्रोकरेज का पैसा तो शुरुआत में बचे। और यह एक अच्छा ब्रोकर है हां इसमें शुरुआत में कई खामियां थी

लेकिन धीरे-धीरे अपडेट होते हैं होते हैं यह काफी अच्छा ब्रोकर बन गया है। आप इसमें अपना डिमैट अकाउंट खुलवा कर ट्रेडिंग कर सकते हैं बिना ब्रोकरेज के क्योकि ट्रेडिंग में ब्रोकरेज थोड़ा ज्यादा लगता है।

इंट्राडे के लिए कौन सा टाइम बेस्ट है?

हमारे भारत में स्टॉक मार्केट 9:15 पर खुलती है और 3:30 पर बंद हो जाती है यानी हमारा ट्रेडिंग टाइम 9:15 से 3:30 तक है। बिग्नर जो होते है वो सुबह उठ कर 9:15 पर ही ट्रेड लेना शुरू कर देते है हरबरी में और सोचते है की मेने खरीदा है तो मार्केट उपर ही जायेगी। और बेचा है तो नीचे ही जायेगी।

उसको लगता है की मार्केट उनके हिसाब से चलेगी जब उनका लॉस होता है तो अब उपर जायेगी अब नीचे जायेगी और 3:30 तो लॉस हो जाता है। गलती उनकी भी नही है जो भी बिग्नेर होता है यह गलती करता ही है। जब में बिग्नेर था तो मेने भी इसी गलती की है लेकिन समय के साथ में सिख गया हु।

और जो बता रहा हु आप उस पर आंख बंद कर के विश्वास न करे। आप खुद से बैक टेस्ट करे और उपयोग कर। और यह हर ट्रेडर के लिए नहीं है। जो पहले से प्रॉफिटेबल है वह अपने अनुसार ही ट्रेड करे जो बिग्नेर है उनके लिए है।
आप को भूल कर ही 9:15 से 10 बजे तक ट्रेड नहीं करना है। क्योंकि उस टाइम मार्केट सेटलमेंट करता है। और डिसाइड करता है कि ऊपर जाना है या फिर नीचे या फिर उस दिन साइड में रहने वाला है। और इस टाइम में न्यूज से जो मार्टेक में होना होता है वो भी हो जाता है। आप को जिस शेयर में करना है

क्या आपको हमेशा स्टॉपलॉस का प्रयोग करना चाहिए?

जी हां दोस्तों आपको हमेशा स्टॉपलॉस का प्रयोग करना चाहिए क्योंकि बिना स्टॉपलॉस के आप कंगाल भी हो सकते हो स्टॉप लॉस लगाने से आपका कैपिटल सेफ हो जाता है।
और इंट्राडे ट्रेडिंग यह एक हार्ड कोर बिजनेस है और हर बिजनेस में प्रॉफिट या लॉस शामिल होता है। तो इसीलिए आपको हर समय स्टॉपलॉस लगाकर ही ट्रेड करना चाहिए। बिना स्टॉपलॉस के ट्रेड ना करें।

शेयर मार्केट का गणित क्या है?

दोस्तों शेयर मार्केट हो जा कोई और बिजनेस यह सारे डिमांड और सप्लाई से ही चलते हैं। हर बिजनेस में यह दो चीज कॉमन होता है। डिमांड और सप्लाई बिना डिमांड और सप्लाई के कोई भी बिजनेस नहीं चलता। और स्टॉक मार्केट भी एक बिजनेस है यह भी डिमांड और सप्लाई पर ही चलता है यही इसका गणित है।

अंतिम शब्द (Trading Meaning in Hindi)

आशा करता हूं कि मैं आपको समझा पाया हूं कि ट्रेडिंग क्या होता है। और आपको सारे सवालों का उत्तर मिल गया होगा। कोई और सवाल है आपके मन में तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं। हम हर एक कमेंट का विस्तार रूप से जवाब देते हैं। धन्यवाद आपके कमेंट का हमें इंतजार रहेगा इस वेबसाइट IntradayView .com के और भी आर्टिकल पढ़ें आपको ढेर सारी जानकारियां और मिलेगी।

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दोस्तों मेरा नाम सोनू है दिल्ली में रहता हूँ Stock Market में काफी ज्यादा रुचि रखता हूं और कई सालों का अनुभव है काफी सालो से स्टॉक मार्किट में इंट्राडे ट्रेडिंग और स्टॉक में इन्वेस्ट करना सिख रखा हु, और मुझे लेकिन खाली समय में लिखना भी पसंद है इसीलिए मैं ब्लॉग के माध्यम से अपने विचारो को आप के साथ साझा करता हु।

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